मन की बात (मेरे जज़्बात)

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1.बिना उम्मीद के प्रेम करो एक दूसरे से जनाब...!क्या पता एक दिन इश्क़ मुक्कमल हो जाए...!!2.यूँ तो उल्फत के तकाज़े बहुत, एक वो ज़ालिम बहुत,एक हम ज़िद्दी बहुत... 3.जुल्फें हैं आज बगावत पर मेरी तुम्हारे हाथों से संवरने की जिद्द है इन की4.मेरी ऋतुएं निर्भर है तुम पर ही ... तुम्हारे साथ ही है जीवन बसंत मेरा ...5.एक इल्जाम तेरे भी सर लग जाए...!तू नजर भर के देख ले और मुझे तेरी नजर लग जाए...!!6.जमाने भर की रुसवाईयाँ और बेचैन रातें...!ऐ दिल कुछ तो बता दे ये माजरा क्या है...!! 7.“कितनी बेचैनियाँ है ज़हन में तुझे लेकर, पर तुझ सा