सोने के कंगन - भाग - ५

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सारिका और उसका पूरा परिवार आज रजत के घर मिलने आया था। घर के बाहर टैक्सी से उतरते ही उन्होंने आलीशान बंगला और उसके बाहर खड़ी दो-दो कारें देखीं। कुशल के मुँह से निकल गया, “वाह यह लोग तो काफ़ी रईस लगते हैं। घर बाहर से इतना सुंदर है तो अंदर से तो और भी बढ़िया होगा, है ना अनु?” “हाँ तुम ठीक कह रहे हो।” सारिका की तरफ़ देखते हुए कुशल ने कहा, “राज करेगी हमारी बिटिया।” सारिका ने शर्माते हुए कहा, “क्या पापा आप भी …!” तब तक रजत और उसके मॉम डैड उन्हें लेने घर के बाहर