तुझे चाहूं बेतहाशा

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1.तुम न मानो तुम्हारी मर्ज़ी है।इश्क़ करना हमारी मर्ज़ी है।।2.चला था जिक्र मेरी खामियों का महफिल में ,जो लोग बहरे थे उनको सुनाई देने लगा... 3.ज़हर में डूबे हुए हो तो यहाँ मत आना, ये वो बस्ती हैं जहाँ प्यार किया जाता है... 4.बहुत से सवालात हैं करने को तुमसे...कभी जमीर जिंदा हो तो मुलाकात कर लेना 5.कैसे पूरी हो मेरी मन्नत भला,मैंने माँगा ही वो है जो शायद मेरे हक मे नही... 6.तुमने कहा था हर शाम हाल पूछेंगे तुम्हारा, तुम बदल गए हो या तुम्हारे शहर में शाम ही नहीं होती 7.उसको तकलीफ़ है कि ज़िंदा हूँ मैं,साँस