1.एक पल के लिए ही सहीनज़र तो मिला... भर लूं तुझे निगाहों मेंएक पल करीब आओ जी भर देखें तुझेभर लें बेचैन बाहों में... आ जाएगी जान निर्जीव तन में भीछू ले तू किसी बहाने से... ठहर तो जा एक पल ए जिंदगी किचली जाए ना जां कहींतेरे यूं चले जाने से... 2.मृगतृष्णा से कुछ रिश्तेपता ही नहीं चलताझूठे हैं या हैं सच्चे!आंखों पर रहती हरदमभ्रम की चादर धुंधली धुंधलीभ्रम ना टूटे तोपता ही नहीं चलतादिल में मैल और चादर उजली!बीतते वक्त के साथहालात जब बदलते हैंहाथों में लिया हाथतब खामोशी से छूटते हैंबिना बात के भी तबअपने रूठते हैं3.हम