मोहब्बत (एक खुबसूरत एहसास)

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1.कोहरे की धुंध मेंकहीं तुम्हारी यादें खो तो नहीं गयी हैंमैं मौसम बदलने की प्रतिक्षा कर रहा हूँ।बाट जोह रहा हूँकि कब धूप निकले और तुम अपनीवही पुरानी चमक बरकरार रखते हुएमेरे पास दौड़ी चली आओ।तुम्हारी एक झलक मिले तो फिरप्यार का नया मौसम शुरू हो।2.ओस की बूंद से खूबसूरत लम्हें आए थे ज़िन्दगी में आ गए औरयादें अनगिनत देकरचले गए पलभर मेंजब भी याद आते हैं वो शबनमी लम्हें मीठी सी चुभन दिल कोहमारे हो जाती हैं... हमारे एहसास की बातें कोई और क्या जान पाएगा... 3.होती होगीं... हजारों लोगों की लाखों ख्वाहिशें औरलाखों ख्वाहिशों की करोड़ों ख्वाहिशेंपरमेरी सिर्फ