प्यार हुआ चुपके से - भाग 5

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रति ने एक बार फिर अपने पैर में लगे टुकड़े को निकालने की कोशिश की पर जैसे ही उसने उस टुकड़े को निकालना चाहा तो लड़खड़ाकर गिरने लगी पर तभी शिव ने आकर उसे अपनी बांहों में थाम लिया। रति ने नज़रे उठाकर उसकी ओर देखा तो उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। उसने आहिस्ता से अपनी हथेली को शिव के चेहरे की ओर बढ़ाया और बहुत प्यार से उसके गाल को छुआ तो शिव गुस्से में बोला- मै तुमसे बहुत नाराज़ हूं रति...अगर मै दो पल के लिए भी तुम्हें अकेला छोड़ दूं तो तुम खुद को किसी ना