अनोखी मित्रता

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अनोखी मित्रताराजा रोमपाद अयोध्या के चक्रवर्ती राजा दशरथ के बहुत ही घनिष्ठ मित्र थे। राजा रोमपाद के कोई सन्तान नहीं थी। एक बार राजा रोमपाद अपने मित्र से मिलने अयोध्या पहुँचे। राजा दशरथ ने अपने मित्र को आया देखकर उनका बहुत स्वागत और सम्मान किया। भोजनोपरान्त जब दोनों मित्र वार्तालाप कर रहे थे, तभी वहाँ कक्ष में शान्ता ने प्रवेश किया, जो खेलते - खेलते वहाँ अचानक पहुँच गयी थी। उस कन्या को देखकर रोमपाद ने उसे अपने पास गोद में बिठाकर पूछा कि - "बेटी! तुम किसकी पुत्री हो?" उसने उत्तर दिया कि - "मैं आपकी ही पुत्री हूँ।"