साथिया - 79

  • 3.2k
  • 2k

"बचपन तो सांझ का बहुत अच्छा बीता था क्योंकि उसके मम्मी पापा ने उसे गोद लिया था अपने दोस्त से और वह उसे बहुत प्यार करते थे। पर शायद किस्मत सांझ की उतनी अच्छी नहीं थी कि जब वह पांच या छः साल की थी तभी उसके माता-पिता दोनों का देहांत हो गया और वह हमेशा हमेशा के लिए अपने चाचा और चाची के ऊपर आश्रित हो गई।" सुरेंद्र ने कहा। सब उनकी बातें गौर से सुनने लगे। "उसके पास अपने पिता की कुछ निशानियां और खूब सारी प्रॉपर्टी और जमीन थी..!! जिनके लालच में अवतार और उनकी पत्नी ने