रत्नावली उपन्यास रोचकता से भरपूर रामगोपाल भावुक

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उपन्यास रत्नावली में रोचकता भरपूर” :                                   समीक्षक सुरेंद्रपाल सिंह कुशवाहा 1998 में लिखा गया लेखक रामगोपाल भावुक का ऐतिहासिक उपन्यास “रत्नावली” गोस्वामी तुलसीदास की धर्मपत्नी रत्नावली पर आधारित है| हाल ही में पवाया भ्रमण के दौरान आदरणीय श्री रामगोपाल तिवारी “भावुक” जी का सानिध्य प्राप्त हुआ| वो लम्बे समय से सार्थक लेखन कर रहे है और अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर लेखनी चलाई है | उनके साथ पवाया भ्रमण के दौरान यह जानकारी मिली|लौटते समय उन्होने दो पुस्तकें भेंट की थी जिनमें एक थी “रत्नावली “जिसे पढ़कर अभी –अभी निवृत्त हुआ हूँ | आदरणीय “भावुक” जी ने उपन्यास को 19