भारत रत्न पंडित रविशंकर नव्यता के नायक पर शोधपूर्ण दृष्टि रामगोपाल भावुक भारतीय बांग्मय में शास्त्रीय संगीत एक धरोहर के रूप में रहा है। इसके बारे में सामान्य जनों को जानकारी कम ही रही है। इसे सुनना और सुनकर समझना जितना कठिन है, उतना ही इसके बारे में जानकारी इकत्रित करना तो बहुत ही दुस्तर कार्य है फिर इस पर कार्य करना तो और भी दुस्कर कार्य है। दिनेश पाठक जी को इस विषय पर कार्य करते समय कितना होमवर्क करना पड़ा होगा। इस बात का प्रमाण, इस कृति पर दृष्टि डालने से ही पता लग