कंचन मृग - 45. शीघ्रता करो अन्यथा

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45. शीघ्रता करो अन्यथा- उदयसिंह , देवा और कुँवर लक्ष्मण राणा अश्वारोहियों का पीछा करने के लिए चले किन्तु पैदल होने के कारण वे बहुत पीछे रह गए। दिन निकलने पर वे एक गाँव में पहुँचे। तीन अश्वों को लिया। अश्व यद्यपि बहुत स्वस्थ नहीं थे किन्तु उनकी तीव्र चाल ढाल से उदयसिंह को लगा कि इनसे काम लिया जा सकता है। अब अश्वारोही बहुत दूर जा चुके थे। तीनों यद्यपि रात्रि में जगने के कारण कुछ थकान का अनुभव कर रहे थे, पर अश्वारोहियों को पकड़ने की ललक उनमें स्फूर्ति का संचार कर रही थी। उन्होंने अल्प उपाहार लिया,