कंचन मृग - 41. सुमुखी की खोज

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41. सुमुखी की खोज- खर्जूरवाहक से लौटकर उदयसिंह अपने उद्यान में पुष्पिका के साथ बैठे पारिजात और कच्चे बाबा के सम्बन्ध में चर्चा कर रहे थे। ‘पारिजात पत्नी सुमुखी का कोई सुराग नहीं लग सका, हमें पता करना चाहिए।’ कान्यकुब्ज से लौटने के बाद उदयसिंह और पुष्पिका दोनों इतने व्यस्त हो गए कि उन्हें पारिजात का ध्यान ही न आया। आज पुष्पिका द्वारा इंगित करने पर उदयसिंह को चिन्ता हुई। उन्होंने, उठते हुए कहा, ‘पहले पारिजात का घर देख लेते हैं।’ जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पारिजात का घर देखकर उदयसिंह विह्वल हो उठे। पड़ोसी भी सुमुखी के बारे में कोई सूचना