पथरीले कंटीले रास्ते - 8

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पथरीले कंटीले रास्ते    8     इसके अगले दो दिन बग्गा सिंह के भाग दौङ में ही बीते । वह कभी गाँव के सिरमौर लोगों से मिलने जाता , उनके पैर पकङता । कभी थाने में रविंद्र से मिलने जाता । वहाँ पुलिस वालों की मिन्नत तरला करता कि रविंद्र का पूरा ध्यान रखें । उसे कोई तकलीफ न होने पाए । फिर वकीलों से मिलता कि उसके बेटे को सजा से छुङा लें । बरी हो जाय बेटा । इसके लिए अपनी तीन किल्ले पुश्तैनी जमीन बेच देगा वह । जमीन का क्या है , फिर बन जाएगी