इन्सपेक्टर धरमवीर घर पहुँचे और उन्होंने डेटेक्टिव करन थापर को फोन पर शिरिष की कहीं सभी बातें सुना डाली,बातें सुनकर करन बोला.... "तब तो सतरुपा की जान को भी खतरा हो सकता है", "हाँ! मैं भी वही सोच रहा था",इन्सपेक्टर धरमवीर बोले.... "तो अब हम लोग ऐसा क्या करें कि वो सही सलामत रहे,क्योंकि मुझे उस सिंघानिया पर बिलकुल भी भरोसा नहीं कि वो कब क्या कर दे",करन बोला.... "हाँ! मैं कुछ सोचता हूँ इस बारें में और कल ही इस समस्या को सुलझाने की कोशिश करता हूँ,अब तुम आराम करो",इन्सपेक्टर धरमवीर बोले... "ठीक है! गुड नाईट!" और ऐसा कहकर