इन्सपेक्टर धरमवीर के कहने पर हवलदार बंसी यादव देविका को मिस्टर सिंघानिया के घर छोड़ आया, देविका घर पहुँची तो उसे नौकर ने बताया कि मालकिन घर पर नहीं हैं,बड़े साहब भी अभी आँफिस से नहीं लौटे हैं और छोटे साहब अपने कमरे में हैं क्योंकि कुछ देर पहले उन्होंने अपने कमरे में काँफी मँगवाई थी,तब देविका बनी सतरुपा को लगा कि अब रास्ता बिलकुल साफ है वो चैन से अपने कमरे में जाकर आराम कर सकती है,इसलिए वो कपड़े बदलकर बिस्तर पर आराम करने लेट गई और तभी उसके कमरे के दरवाजे पर रोहन आकर बोला.... "क्या मैं अन्दर