लम्हें जिन्दगी के

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1.हम शायर नहीं हैं जनाब,हम तो कैद हैं उन की मौहब्बत में,बस जब याद आती है उनकी,तो अल्फाजों में ढाल देते हैं।2.तुम लफ्ज़ बन कर समाये हो मुझमें,अब कागजों पे उतरे हो स्याही बन कर...!3.उसकी निगाहों में देखा तो जाना,यहीं है ठहरना यहीं है ठिकाना...4.सीने में दिल धक धक धूम धूम क्युकी आँखों में तुम हो आँखों में तुम...5.तुम मिले दिल खिले और जीने को क्या चाहिए...6.गिले शिकवों को दरकिनार रखना,अपनी चाहत यूं ही बरकरार रखनाज़माना लाख तुम्हे बरगलाए,बहकाए अपनी बातों से,सुनो,तुम बस मेरी आंखो को पढ़ना,और मेरी मौहब्बत पर एतबार रखना...7.मैं कितने भी रंगों मेंक्यो ना रंग जाऊंएक तेरा