कंचन मृग - 11-12. अब वे अकेले हो गए हैं

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11. अब वे अकेले हो गए हैं- प्रातः लोग तैयारी कर ही रहे थे कि शिशिरगढ़ से पुरुषोत्तम कुछ सधे अश्वारोहियों के साथ आ पहुँचे। उन्होंने आल्हा का चरण स्पर्श किया। आल्हा ने उन्हें गले लगा लिया तथा वस्तु स्थिति से अवगत कराया। उदय सिंह और देवा ने भी आकर पुरुषोत्तम का चरण स्पर्श किया। ‘हम लोग अलग न जाकर शिशिरगढ़ में ही वास करें, पुरुषोत्तम ने प्रस्ताव किया। ‘शिशिरगढ़ भी महोत्सव का ही अंग है। यहाँ निवास महाराज परमर्दिदेव की आज्ञा का उल्लंघन होगा,‘आल्हा ने संकेत किया।’ ‘अब चंदेल सीमा के बाहर ही निवास उचित होगा। जो आरोप हम