कंचन मृग - 6. हमें थोड़े करवेल्ल चाहिए

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6. हमें थोड़े करवेल्ल चाहिए-नगर के एक मार्ग पर अयसकार रोहित जा रहा था। दूसरी ओर से एक व्यक्ति तेज चाल से आते हुए दिखा। रोहित पूछ बैठा ‘सुना नहीं आपने ?’‘क्या ?’‘दशपुरवा खाली करने का आदेश दे दिया गया है।’‘मुझे कुछ भी पता नहीं। राजा महाराजाओं के पीछे मैं नहीं रहता। कोई आता है कोई जाता है विद्या हेतु अधिकांश समय काशी रहा। हमें थोड़े कारवेल्ल चाहिए, उन्हें लेने जा रहा हूँ। पत्नी ने कहा है। उसकी इच्छा है तो कारवेल्ल लाऊँगा ही ?’‘यह कारवेल्ल क्या है ?’‘अरे कारवेल्ल नहीं जानते। करेला को कारवेल्ल कहा जाता है।’‘आपका पाणिग्रहण कुछ