बेटी की अदालत - भाग 1

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18 साल की स्वीटी के सामने एक बहुत ही विकट समस्या थी। वह समस्या थी मम्मी या पापा किसके साथ उसे अपना आगे का जीवन बिताना है। उसकी मम्मी अलका और पापा गौरव के बीच रोज़ होते झगड़ों के कारण उनका घर शांति का मंदिर नहीं अशांति का अड्डा बन गया था। जहाँ वे दोनों दुश्मनों की तरह झगड़ा करते थे। स्वीटी दोनों के साथ रहना तो चाहती थी लेकिन शांति के माहौल में, जहाँ प्यार हो, अपनापन हो, यदि तकरार हो भी तो पति-पत्नी की तरह दुश्मनों की तरह नहीं। आज उसके मन में तूफान उठा हुआ था क्योंकि