पाण्डु

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सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुये। जब चित्रांगद और विचित्रवीर्य के छोटे ही थे तभी शान्तनु का स्वर्गवास हो गया था इसलिये उनका पालन पोषण भीष्म ने किया। भीष्म ने चित्रांगद के बड़े होने पर उसे राजगद्दी पर बिठा दिया किन्तु कुछ समय बाद ही वह गन्धर्वों से युद्ध करते हुये मारा गया। भीष्म ने उसके भाई विचित्रवीर्य को राज्य सौंपने के बाद भीष्म को विचित्रवीर्य के विवाह की चिन्ता हुई। उसी समय काशीराज की तीन कन्याओं, अम्बा, अम्बिका और अम्बालिका का स्वयंवर होने वाला था। भीष्म ने वहाँ जाकर अकेले ही सभी राजाओं को हरा दिया