भारत की रचना / धारावाहिक / सातवाँ भाग हॉस्टल में आ जाने के पश्चात्, जब वातावरण और माहौल फिर से परिवर्तित हुआ तो रचना का स्वास्थ पुनः अपने पहले जैसे रूप और रंग पर आ गया। शीघ्र ही वह पूर्ण स्वस्थ होकर कॉलेज जाने लगी; टूटे-टूटे मन से इच्छा न होते हुए भी उसको अपने कदम कक्षाओं की ओर धकेलने पड़ते थे। कॉलेज में उसकी अरुचि का कारण भी विशेष ही था। वह शरीर से तो स्वस्थ हो चुकी थी, परंतु मन से अभी तक बीमार ही थी- उसकी अस्वस्थता का जो मुख्य कारण था, वह केवल यही, कि इतने