आँच - 14 - यह है वतन हमारा !(भाग-2)

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कैम्पबेल की योजना के अनुसार कम्पनी सेना ने लखनऊ को घेर लिया। आज कम्पनी की सेना जैसे ही कैसर बाग़ की ओर बढ़ी, विद्रोही सैनिकों ने डटकर सामना करने की कोशिश की। तोपों और बन्दूकों के सामने विद्रोहियों की फुर्ती भी काम नहीं आ रही थी। हम्ज़ा, ईमान और बद्री अपने साथियों सहित वहीं पहुँच गए थे। सभी के हाथों में तलवारें , कटारें थीं। सभी विद्रोही सेना को उत्साहित करते रहे। लखनऊ का जन समूह भी सामने आ गया। बन्दूकों से तो वे निपट लेते थे पर तोपों का सामना करना मुश्किल था। अनेक महिला सैनिक भी इधर-उधर दौड़