अध्याय चार मुश्किल समय है? अली नक़ी खाँ को महाउल महाम (वज़ीरे आज़म) बनाकर वाजिद अली शाह चुप नहीं हुए। उन्होंने न्याय, प्रशासन, सेना, पुलिस सभी में सुधार करने की कोशिश की। सामान्य जन को न्याय उपलब्ध कराने के लिए चाँदी के छोटे बक्से उनके साथ चलते थे जिसमें कोई भी आदमी अपनी शिकायत डाल सकता था। इन बक्सों की चाभी शाह के पास रहती। हर सुबह दर्बार के समय ये बक्से खोले जाते और शिकायतकर्त्ता को न्याय मिलता। अक़्सर यात्राओं में लोग अपनी शिकायतें शाह तक खुद पहुँचाते। वे धैर्य से सुनते और तुरन्त कार्यवाही करते। न्याय करते समय