साथिया - 53

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सांझ को देखते ही उसके सब्र का बांध टूट गया और वह एकदम से उसके गले लग कर रोने लगी। "क्या हुआ दीदी आप इतना दुखी क्यों हो रही हो? रो क्यों रही हो?" सांझ ने उसे संभाल कर वापस बेड पर बिठाया और उससे पूछा। "क्या करूं रोऊँ नहीं तो..?? देख रही हो तुम कितनी जोर जबरदस्ती हो रही है मेरे साथ। में पढ़ी-लिखी एमबीबीएस डॉक्टर और मेरे बिना पूछे मेरे बिना बताए रिश्ता तय कर दिया उस अनपढ़ गंवार निशांत से। सबसे बड़ी बात सिर्फ पढ़ाई लिखाई की बात नहीं है हम दोनों जानते हैं बचपन से ही