जिन्दगी एक पहेली

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1.पूछा जो हमसे कि क्या हुआहमने कहा….“कुछ नहीं”इस ‘कुछ नहीं’ में कितना कुछ होता है नामगर उस होने को हम कहाँ बता पाते हैं शायद कुछ बताने के लिए होता ही नहींया शायद इतना कुछ होता है बताने कोकि लगता है कि क्या बताये और क्या न बतायेइसलिए ‘कुछ नहीं’ कह कर जाने देते हैं !!2.कलश में भरे‌ गंगाजल की तरह पवित्र होता हैकिसी चंचल स्त्री का निश्छल प्रेम 3.जिस से रास रचा रहे होउसके ब्याह रचाने का भावअगर ह्रदय में ना आएतो समझ जाना आप प्रेम में नही हो4.आपके ये पूछने पर,कि हमारे बीच क्याहैमेरा जवाब में प्यार ना,कह