मुर्द्वन्व विद्वान संत योगी विलक्षण व्यक्तित्व आचार्य पण्डित हंस नाथ मणि त्रिपाठी--संदर्भ---अनूठा व्यक्तित्वसंसार और समय अपनी गति की निरंतरता से चलते रहते है जहाँ करोड़ो प्राणि जन्म लेते एव जीवन छोड़ते है। मनुष्य संसार का इकलौता प्राणि है जिसकी जीवन यात्रा का मूल्यांकन परिवार समाज एव राष्ट्र अन्तर्राष्ट्र स्तर पर होता है कुछ मनुष्यों को उनकी अपेक्षा योग्यता के अनुसार सम्मान उपलब्धि हासिल हो जाती है तो कुछ ऐसे भी लोग होते है जिनमे योग्यता और क्षमताओं से अधिक भाग्य समय के पुरष्कार स्वरूप प्राप्त हो जाता है तो कुछ मनुष्य योग्यता, ज्ञान ,कर्म, धर्म ,दायित्व बोध में श्रेष्ठ होते