नववर्ष की बधाइयां शुभकामनाएं

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व्यंग्य आलेख- नववर्ष की बधाइयां शुभकामनाएं********************* हमारी भारतीय संस्कृति में दूसरों की खुशियों पर बधाइयां और शुभकामना देने का सिलसिला कब हिस्सा बन गया ये शोध का विषय है क्योंकि मुझे नहीं पता है। शायद आपको भी नहीं पता हो ,हो भी तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, और बिना शर्मिंदा हुए मैं सगर्व अपनी अज्ञानता को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करते हुए आप सभी को नववर्ष की बधाइयां और शुभकामनाएं देता हूं। पर मैं आपको पक्का भरोसा भी दिलाया हूं कि मेरी बधाई और शुभकामना को दिल से स्वीकार करने की जरूरत भी नहीं है क्योंकि मेरी शुभकामनाएं बधाइयां