(डॉ. नूतन पांडेय) नीलम कुलश्रेष्ठ का उपन्यास `पारू के लिये काला गुलाब’ पाठक को पहली दृष्टि में एक रोमानी प्रेम कहानी सा लग सकता है लेकिन जैसे-जैसे पाठक इस उपन्यास के विविध पक्षों को गंभीरता से देखेंगे तो महसूस करेंगे कि ये सिर्फ एक सामान्य सी प्रेम कहानी नहीं है, जिसमें दो प्रेम करने वाले एक दूसरे को बेहद, बेइंतेहा प्रेम करते हैं बल्कि कई सन्दर्भों में यह अलग है, इन खास सन्दर्भों की चर्चा बाद में, लेकिन उससे पहले उपन्यास का एक अंश देखें - बड़ा ब्रश लिए फिर उन्होंने सामने बुद्ध की विशाल प्रतिमा को नजर भरकर देखा,