कि मैं एक आवारा पंछी

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1. गर इश्क ना होता इनमें तो आंखें इतनी खूबसूरत ना होती जो गम न दिए होते जमाने ने तो खुशी की कीमत पता नहीं होती जो बेवफाई ना की होती यारों ने तो वफा की चाहत ना होती जो तन्हाई का एहसास ना होता तो महफिलों में रौनक ना होती जो मांगे से ही मिल जाती हर मुराद ना खुदा, खुदा की जरूरत ना होती2.सुंदरता क्या है सुंदरता क्या किसी की आंखों को अच्छा लगना है सुंदरता या किसी को देखकर नजरों का ठहर जाना है सुंदरता क्या सुंदरता बस बाहरी ही अच्छी लगती है क्या मन के सुंदर