प्रेम ( पति - पत्नी का )

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प्रेम ( पति - पत्नी का ) एक साहूकार जी थे उनके घर में एक गरीब आदमी काम करता था । जिसका नाम था । मोहन लाल जैसे ही मोहन लाल के फ़ोन की घंटी बजी मोहन लाल डर गया । तब साहूकार जी ने पूछ लिया ?"मोहन लाल तुम अपनी पत्नी से इतना क्यों डरते हो ?""मै डरता नही सर जी उसकी कद्र करता हूँ, उसका सम्मान करता हूँ ।" - मोहन लाल ने जबाव दिया ।मैं हँसा और बोला -" ऐसा कया है उसमें । ना सुरत ना पढी लिखी ।"जबाव मिला - " कोई फर्क नही पडता