गाँव का जीवनहाँ, मैंने गांव को इतने करीब से जिया है, खेतों में पीले सरसों के फूलों को सौंधी खुशबु के साथ खिलते देखा, सर्दी मे कोहरे की सफेद चादर की धुंध से लोगों की छिपत हुए देखा,हाँ, मैंने गांव को इतने करीब से जिया है।हाँ, मैंने गांव को इतने करीब से जिया है।खेतों से आती हुयी सीधी ताजी - ताजी कच्ची सब्जी की महक,खलिहानों मे गन्नों से निकलता ताजगी भरा रस और ताजा गुड़ का स्वाद चखा, हाँ, मैंने गांव को इतने करीब से जिया है।हाँ, मैंने गांव को इतने करीब से जिया है।लकड़ी व मिट्टी से बने कच्चे