हॉस्टल लाइफ

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आंख पे पट्टीकुछ साल पहले की बात है, लगभग रात के 12:00 बजे का समय होगा और हमारे कॉलेज में रीडिंग वैकेशन चल रहा था, इस वजह से हॉस्टल में हम सिर्फ सौराष्ट्र वाले बच्चे ही बचे हुए थे, और हम हर बार की तरह ब्लाइंड फोल्ड ( आंख पे पट्टी ) खेल खेलने निकल गए।हमेशा की तरह एथलेटिक ट्रैक के बीच में जहां सॉफ्टबॉल का मैदान अंकित किया हुआ रहता था वही हमारे मैदान का दायरा रहता है। खेल में सबसे पहले ट्रेडिशनल तरीके से किसको दाव देना है वह निर्णय लिया जाता है, और अगर कोई उसके बाद