मैं तो ओढ चुनरिया - 53

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    53 शादी से पाँच दिन पहले सात सुहागिने बुलाई गई । माँ ने उन सबकी कलाई में कलावा बांधा । सबको किनारी गोटा जङे गुलाबी दुपट्टे ओढाए गए । अंत में पता चला , ये सब कुल मिला कर ग्यारह हो गई हैं । कोई न जी, हर समय ये सात न मिली तो इन ग्यारह में से मिला कर कोई सात तो मिल ही जाएंगी । उस दिन सबने सुहाग के गीत गाते हुए गेँहू धोए और धूप में सूखने डाले । सात मुट्ठी उङद की दाल भिगोई और सब पतासे लेकर बिदा हुई । अगले दिन