ईमानदार खरगोश

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ईमानदार खरगोशएक समय की बात है, खरगोश नौकरी की तलाश में था। उसने फैसला कर लिया कि वह मेहनत की कमाई ही खायेगा, पर नौकरी मिलना आसान काम नहीं था। वह इधर - उधर भटकता रहा लेकिन उसे कहीं काम नहीं मिला। फिर भी वह निराश नहीं हुआ और अपनी कोशिश में जुटा रहा। वह उदास रहने लगा। एक दिन उसे लोमड़ी मिली। उसने उसकी उदासी का कारण पूछा! खरगोश बोला-, "आजकल मैं काम की तलाश में जो हूँ।" लोमड़ी बोली-, "तुम एक काम करो, रीछ के पास चले जाओ! उसकी शेर के दरबार में अच्छी जान पहचान है।" लोमड़ी