श्रीजनकजी निमिवंश में जितने भी राजा हुए सभी ‘जनक’ कहलाते थे, ब्रह्म ज्ञानी होने से इन सबों की विदेह संज्ञा भी थी। किंतु जनक के नाम से अधिक प्रसिद्ध सीताजी के पिता ही हुए हैं। उनका यथार्थ नाम सीरध्वज था। ‘सीरध्वज’ नाम का एक कारण है। ‘सीर’ कहते हैं हलकी नोकको। एक बार मिथिला देशमें बड़ा अकाल पड़ा, विद्वानोंने निर्णय किया कि महाराज जनक स्वयं हलसे जमीन जोतकर यज्ञ करें तो वर्षा हो। महाराज यज्ञके लिये जमीन जोत रहे थे कि हलकी नोक लगनेसे पृथ्वीमेंसे एक कन्या निकल आयी। वही जगज्जननी महारानी सीताजी हुईं। महाराज जनक उन्हें अपने घर ले