हास्य का तड़का - 41

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घर में तहलका मचाने आया "मनमोहिनी पत्र "इत्र की खुशबु में नहाया खूबसूरत सा गुलाबी पत्र अम्मा के हाथ में आया यह "मनमोहिनी पत्र "शायद प्रेम का सन्देशा लाया यह "मनमोहिनी पत्र "खाट खड़ी कर दी थी इसने पूरे घर की अम्मा जो रहती थी शांत थाम के हंटर करने लगी सवाल पे सवाल अम्मा - हाँ बोल तितली कहां कहां फिरती तु उड़ी चली तितली - ना अम्मा कसम से मैं तो बस फ़ूलों के संग रहती भौरों के पास नहीं कभी भटकतीअम्मा - हाँ तू बोल रंगीला रंगीला - ना अम्मा ना मेरो तो हैं नाम रंगीला मैं