सबके अंदर विद्यमान ब्रम्ह को।नमन। ये कहानी है सोमवंश के साम्राज्य की।सोमवंश के प्रथम राजा थे राजा सूर्यदेवव्रत।इन्होंने अपने पराक्रम और साहस से पूरी दुनिया मैं सोमवंश के साम्राज्य को एक छत्र राष्ट्र बनाया।उनके इस देश का नाम था सूर्यानगर। सूर्यानगर के युवराज केशवव्रत ने जब राजगद्दी अपने हाथ मैं ली तब उसके राज्यकी समृद्धता बढ़ने लगी।ऐसे ही सोमवंश की आगे की पेढ़ी के शासकों के पराक्रम और साहस से सोमवंश की कीर्ति बढ़ने लगी।ये राज्य ज्ञान, विज्ञान,व्यापार,समुद्री विजय,धर्म और दर्शन मैं आगे बढ़ने लगे।सूर्यदेवव्रत के पौत्र के पुत्र यानी की युवराज आदित्यव्रत यानी आदित्य अब राजा बनने वाले थे।देश