ममता का आंगन - 3

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ममता का आंगन- कुछ बातें बाद में ही समझ आती हैं ! मैं अकेली बैठी धूप सेंक रही हूं. मां की कही बातें याद आ रही हैं. मां को अपने पास रहने के लिए ले कर आई थी. मां अकेली घर में रहती थीं. हमें उन की चिंता लगी रहती थी. पर मां अपना घर छोड़ कर कहीं जाना ही नहीं चाहती थीं. एक बार जब वे ज्यादा बीमार पड़ीं तो मैं इलाज का बहाना बना कर उन्हें अपने घर ले आई. पर पूरे रास्ते मां हम से बोलती आईं, ‘हमें क्यों ले जा रही हो? क्या मैं अपनी जड़