22 दिसम्बर।लगभग एक सप्ताह के इस शीतकालीन वर्षान्त पर्यटन का अब समापन हो रहा है। आज सुबह नाश्ता कर हमलोग अपने रथ पर सवार होकर लगभग 10-30 बजे जयपुर आगरा एक्स प्रेस हाई वे पर तेज रफ्तार चल रहे थे कि सारथी भगवान सिंह की आवाज़ गूँजी -"साहब, क्यों न मेंहदीपुर बाला जी महाराज के यहां भी मत्था टेक लें…"हम सभी सहमत हो गए। समझ लिए कि सारथी के मुंह से स्वयं प्रभु निमंत्रण दे रहे हैँ।गाड़ीने थोड़ा टर्न ले लिया। थोड़ी दूर पर गाड़ी छोड़नी पड़ी। हमने बैटरी रिक्शा लिया और... अब हम दरबार में हाजिर हो गए हैं