बॉडीगार्ड - 2

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अब आगे। (अर्जुन का दिमाग बहुत तेज था। अर्जुन वो सोच सकता था, जो आज की दुनिया मे शायद ही सोच सकता हैं। यहाँ पर मसला सिर्फ एक ही था, की, अर्जुन को इंसानियत का अर्थ जानना था। इसलिए वो सिर्फ इस विषय पर बात करने लगा था। वीर के पास अर्जुन के सवाल का कोई जवाब नही था। इसलिए अर्जुन अब वहा से घर लौट आया।) (शाम के पाँच बज रहे थे। रोहित जी भी अब तक घर लौट आये थे। रोहित जी घर के बाहर चेयर पर बैठ कर अपने पड़ोसी रामलाल जी से बाते कर रहे थे।