साथिया - 28

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नियति भी जल्दी जल्दी कॉलेज जाने को तैयार हुई और आंगन में आई। "अभी तो दीवाली आ गई है। छुट्टी न हुई कॉलेज की?" ठाकुर गजेंद्र सिंह बोले। " बस आज ही लगना है बाबूजी फिर एक हफ्ते की छुट्टी है।" नियति बोली। " ठीक है।" गजेंद्र सिंह बोले तो नियति निकल गई। बाकी सौरभ आव्या और निशांत दिवाली की तैयारियों में लगे हुए थे। पूरे घर में पूरे घर में नया रंग रोगन किया जा रहा था तो वही बड़ी ठाकुराइन दियों को पानी में डुबोकर रख रही थी तकि दिवाली के दिन वह कम तेल सोखें और ज्यादा