साथिया - 22

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ईशान की बाइक सड़क पर चल रही थी और पीछे बैठी शालू कभी सड़क तो कभी ईशान को देख रही थी। आज ईशान की बाइक कुछ ज्यादा ही धीमी चल रही थी और इस बात को शालू भी महसूस कर रही थी। "ईशान..!" शालू ने धीरे से कहा। "हां बोलो क्या हुआ? " ईशान बोला। "मौसम खराब हो रहा है देखो कितने बादल घिर आए हैं..!" 'तो ?" ईशान बोला। "तो अपनी बाइक की स्पीड थोड़ा तेज करो ना...! इतना धीमा चलोगे तो हम भीग जाएंगे।" शालू बोली। " भीगनें को ही तो दिल कर रहा है मेरा..!" ईशान ने