कमिश्नर के फोन ने भौमिक को एक बार फिर सोच में डाल दिया था। विशाल और उसके दोस्तों से पूछताछ कर कोई सुराग हाथ लगने की उम्मीद भौमिक कर रहा था, परंतु अब तक की हुई पूछताछ में उसके हाथ अब भी खाली ही थे। उसके मन में ख्याल आ रहा था कि कोई क्राइम कभी भी परफेक्ट नहीं हो सकता है, अपराधी कोई ना कोई ऐसी गलती कर ही देता है, जो उसे जेल तक पहुंचा देती है। आखिर इस केस में ऐसी कोई गलती क्यों नजर नहीं आ रही है। भौमिक सोचते हुए केबिन से बाहर निकल गया