काला जादू ( 9 )प्रशांत पाता है कि उस लौंग लगे नींबू का रंग बिल्कुल भी बदला नहीं था , यह देखकर वह सोच में पड़ जाता है और एक एक करके सारे के सारे नींबू काट देता है। उन सभी लौंग लगे नींबूओं का रंग अंदर और बाहर दोनों तरफ से सामान्य था, यह देखकर वह आकाश से बोला " हमको शोमझ नहीं आ रहा कि ये शोब क्या है?"" क्या मतलब बेटा? " आकाश ने आश्चर्य से पूछा। " ओंकल जी आपका घोर पर किशी का तो शाया है बट वो शाया किशी को नुकशान पहुंचाने वाला नोही