उजाले की ओर –संस्मरण

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उजाले की ओर--संस्मरण ================ नमस्कार स्नेही मित्रों   वैशाली की परेशानी से मन व्यथित था | जहाँ जाती काम की समस्या आड़े आती | ऐसा नहीं था कि वह शिक्षा में कम थी अथवा उसे कोई काम मिलता नहीं था, उसकी शिक्षा भी आज की शिक्षा -नीति के अनुसार अच्छी थी लेकिन उसके साथ सबसे बड़ी परेशानी यह थी कि वह किसी को उत्तर ही नहीं दे पाती थी | किसी ने अगर उसे कुछ कह दिया तो उसकी आँखों से टप टप आँसु झरने लगते और वह असमंजस में ही पड़ जाती | इस सीधे स्वभाव के कारण दूसरे