1-आचार्य श्रेष्ठ विद्यसगर जी --जैन मुनि विद्यासागर जी दिगम्बर जैन परम्परा के तेजस्वी ओजस्वी धर्म धुरी ध्वज है जिन्होंने अपनी विद्वता तपस्या तेज से धर्म को नए आयाम में परिभाषित किया है जो सर्वधर्म समभाव में जैन धर्म की वास्तविकताओं को जीवन के मौलिक मुल्यों के साथ स्थापित कर जन्म जीवन के उद्देश्यों को पथ प्रकाश प्रदान करता है।प्रख्यात दिगम्बर जैन आचार्य है उनकी विद्वता तप के लिए ब्रह्मांडीय श्रेष्ठता प्राप्त है आठ भाषाओं के ज्ञाता है।2-आचार्य श्रेष्ठ का जीवन -पूज्य आचार्य का जन्म 10 अक्टूबर -1946 को शरद पूर्णिमा के दिन कर्नाटक के बेलगांव जिले के सदलगा में हुआ