कृष्ण काव्य धारा एव हिंदी साहित्य

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कृष्ण काव्य धारा एवं हिन्दी साहित्य -लीला रूप सौंदर्य और प्रेम का जैसा चित्रण किया है कृष्ण काव्य का सर्वश्रेष्ठ सृजन शील स्वर सुर दास जी है ।सरस संगीत और गीतात्मक सौंदर्य के साथ कृष्ण केंद्रित वात्सल्य बाल लीला भ्रमर गीत में जीवन की संवेदना और उत्सव विद्यमान है कृष्ण काव्य परम्परा के सुर दास जी प्रतिनिधि है। हिंदी साहित्य का इतिहास एवं कृष्ण काव्य-हिंदी साहित्य का इतिहास -हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बांटा जा सकता है -1-आदि काल 1050 से 13 75 2- मध्य काल 1375 से 19003-आधुनिक काल 1900 से आगे। मध्य काल के दो