रामदास हनुमान

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राम दूत और रुद्र के अवतार, हनुमान को प्रणाम, जो समूचे ब्रह्मांड के आकार के हो सकते थे जिनके पास अद्भुत शक्तियाँ थीं, जो शानदार कारनामे कर सकते थे, जिनके पास अविश्‍वसनीय बल था, और जो हज़ार सूर्यों के समान देदीप्यमान थे। —हनुमान की स्तुति इसी तरह कई माह बीत गए। सुग्रीव सदा अपने राज्य व परिवार की क्षति को लेकर दुखी रहता था लेकिन हनुमान हमेशा उसे अच्छी सलाह देते थे। इस बीच, नियति अपने जटिल धागे गूँथ रही थी तथा समय धीरे-धीरे, किंतु निश्‍चित गति से, सुग्रीव के अनुकूल होता जा रहा था। एक बार जब हनुमान, सुग्रीव