नि:शब्द के शब्द - 24

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नि:शब्द के शब्द / धारावाहिक चौबीसवां भाग ज़िंदा हैं कितने लोग . . .' मोहिनी के दोस्त बदल गये. दीवाने बनकर आये हुए लोगों के चेहरे भी तुरंत तब बदल गये, जब उसने अपनी कहानी, अपनी दोनों ही दुनियां की सुना दीं. जो भी उससे मिलता, उसमें रूचि लेता, उसे पसंद भी करता, उसके साथ बैठकर अपने भावी जीवन के सपने देखता, उन सपनों को संवारता और जब यह सारे सपने साकार करने का समय आता तो अमावस्या के छिपे हुए चन्द्रमा के समान जैसे फिर कभी भी अपना मुंह दोबारा दिखाने के लिए नहीं आना चाहता था. उसके जीवन