श्री मदालसाजी

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भारतवर्ष में ऐसे योग्य पुत्र तो बहुत हुए हैं, जिन्होंने अपने सत्कर्मों से मातापिता का उद्धार करके पुत्र नाम को सार्थक किया हो; परंतु ऐसी माता, जो परम उत्तम ज्ञान का उपदेश देकर पुत्रों का भी संसार-सागर से उद्धार कर दे, केवल मदालसा ही थी। उसने पुत्रों का ही नहीं, अपना और पति का भी उद्धार किया था। मदालसा आदर्श विदुषी, आदर्श सती और आदर्श माता थी। उसका जन्म दिव्य कुल में हुआ। पहले तो वह गन्धर्वराज विश्वावसु की पुत्री थी। फिर नागराज अश्वतर की कन्यारूपमें प्रकट हुई। उसके जीवन का संक्षिप्त वृत्तान्त इस प्रकार हैप्राचीन काल में शत्रुजित् नाम